गोलियों से कैसे होता है अबॉर्शन? कब क्या कैसे करें
कई बार शारीरिक संबंध बनाते समय असावधानी के चलते महिला पार्टनर गर्भवती हो जाती है। यदि ऐसा शादी के पहले नवयुवक नवयुवतियों के साथ होता है तो वह स्थिति और भी पेचीदा हो जाती है। ऐसी स्थिति में सबसे पहली प्राथमिकता होती है कि किसी को इस बात का पता भी ना चले और सफलतापूर्वक गर्भपात भी हो जाय। गर्भपात 2 तरीको से किया जा सकता है ..
- सर्जिकल अबॉर्शन (ऑपरेशन की मदद से)
- मेडिकल अबॉर्शन (दवा की मदद से)
आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कैसे MTP किट को इस्तेमाल किया जाता है और उसके क्या परिणाम एवं दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।
गर्भ की पुष्टि करना –
गर्भधारण (conceive) करने के कुछ समय बाद ही शरीर में बदलाव आना शुरू हो जाते हैं जो की आसानी से नोटिस किए जा सकते हैं।
- खाना न खिलाना
- अपने आप उल्टी आना
- पसंद का बदल जाना
- पैर भरी महसूस होना
- अधिक गर्मी लगना
- लगातार चक्कर आते रहना
- पूरे समय सोने की इच्छा रहना
प्रत्येक व्यक्ति के अनुसार इन लक्षणों में भी बदलाव देखे जा सकते हैं।
प्रेग्नेंसी कंफर्म करने का सबसे अच्छा एवं सुलभ तरीका होता है प्रेगनेंसी किट का इस्तेमाल करना।
2 लाइन का अर्थ होता है की महिला प्रेगनेंट है
1 लाइन का अर्थ होता है की प्रेगनेंसी नही है।
(यदि 1 डार्क और एक हल्की लाइन आती है तो उसका मतलब यह समझा जाता है की प्रेगनेंसी अभी अभी हुई है जिसके कारण शरीर में hcg हार्मोन की कम मात्रा है।)
यदि एक्टोपिक प्रेगनेंसी होगी अर्थात् वह गर्भ जो बच्चादानी से नहीं बल्कि ओवरी की नली में जुड़ा हुआ होता है, तो MTP किट का प्रयोग करने से गर्भपात नहीं होगा बल्कि नली फटने से या बहुत खून बहने से जान की जानी हो सकती है।
हमेशा 2 या 3 अलग कंपनी की किट से जांच करें।
किसे MTP किट का इस्तेमाल करना चाहिए?
(MTP किट की दवा हमेशा किसी डॉक्टर की निगरानी में ही लेनी चाहिए क्योंकि इन दवाओं के शरीर पर घातक साइड इफेक्ट्स देखने मिल सकते हैं।)
MTP kit का प्रयोग करने से पहले महिला यह अवश्य सुनिश्चित कर ले की उसके शरीर में खून की मात्रा अच्छी है और उसे पहले से कोई कमजोरी. डायबिटीज, दिल की बीमारी, खून की बीमारी तो नहीं है।
कुछ महिलाएं में इन दवाओं की एलर्जी भी देखने मिल सकती हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में MTP kit को प्रयोग नहीं किया जा सकता ।
नोट – जहां तक संभव हो किसी स्वास्थ कर्मी की देख रेख में ही इन दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।
MTP किट इस्तेमाल करने का समय एवं विधि–
MTP किट के पत्ते में 5 गोलियां आती हैं। 1 होली mifepristone की होती है जबकि बाकी 4 गोलिया misoprostol की होती हैं।
Mifepristone का काम होता है गर्भ और बच्चादानी के बीच के संबंध को खत्म करना। Mifepristone वास्तव में एक anti-progesterone होता है जो गर्भ और मां के बीच खून, ऑक्सीजन, खाना आदि का आदान प्रदान करता रहता है।
Misoprostol दवा बच्चादानी में मरोड़ पैदा करती है जिससे गर्भ को टुकड़ों के रूप में बाहर किया जा सके।
आइए एक एग्जांपल से गोली खाने की अवधि को समझते हैं....
"माला एक महिला है जो MTP किट इस्तेमाल करने वाली है। माला सोमवार की शाम को mifepristone की गोली खाती है। इस गोली को पानी के साथ लिया जाता है।
माला मंगलवार में कोई दवा नहीं खाती ।
बुधवार की सुबह 10 बजे माला misoprostol की 2 गोलियां जीभ के नीचे रख के उनके घुलने का इंतजार करती है। यह गोलियां 4 से 5 मिनट में घुल जाती हैं।
इसके 3 घंटे बाद माला फिर से बची हुई 2 misoprostol की गोली जीभ के नीचे रखती है।"
याद रहे की ये सभी गोलियां खाना खाने के बाद ही ली जाय।
क्या होगा गोली खाने के बाद ?
8 बजे रात में mifepristone लेने के बाद सामान्यतः कुछ नही होता परंतु कुछ महिलाओं को हल्का पेट दर्द और ब्लीडिंग हो सकती है।
Misoprostol की गोलियां लेने के बाद पेट में तेज दर्द के साथ खून के थक्के बाहर निकलना शुरू हो जाते हैं। यह हेवी ब्लीडिंग 6 से 7 घंटे तक चल सकती है।
इसके बाद ब्लीडिंग धीरे धीरे कम होते हुए 10 से 12 दिन में रुक जाती है।
दर्द को केसे कम करें?
बहुत अच्छा होगा की आप दर्द सह लें और कोई दवा न लें परंतु अत्यधिक पेट और कमर दर्द होने की स्थिति में ibuprofen जेसी एनाल्जेसिक दवा ली जा सकती है। Ibuprofen को कुछ खाना खाने के बाद पानी के साथ ले सकते हैं। हॉट वाटर बैग या हीट पैड भी दर्द में आराम दे सकते हैं।
कॉम्प्लिकेशंस
Misoprostol लेने के बाद 6 7 घंटे से ज्यादा ब्लीडिंग होने की स्तिथि सामान्य नही मानी जाती। साथ ही यदि गोली खिलाते ही महिला को शरीर में तेज खुजली, आंखों में जलन, घबराहट आदि होता है तो यह उस दवा की एलर्जी हो रही है। लगभग 30 मिनट में यह एलर्जी अपने आप खत्म हो जाती है परंतु यदि ऐसा नहीं होता तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
MTP किट कितने महीने के गर्भ तक असर करती है ?
यह किट 9 से 10 हफ्ते की प्रेगनेंसी के लिए सबसे अच्छे ढंग से काम करती है। ज्यादा महीने की प्रेगनेंसी होने पर इस किट की कार्यक्षमता कम होती जाती है।
(भारत के संविधान के अनुसार 20 हफ्ते से बड़ी प्रेगनेंसी को गिराना एक अपराध है।)
गर्भपात पूरा हुआ या नहीं ?
इस विषय पर अनेक टिप्पणियां मौजूद हैं परंतु सबसे स्पष्ट तरीका है एक सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) करा लेना। यदि अधूरा गर्भपात होता है तो कुछ लक्षण देखने मिल सकते हैं जैसे –
- बुखार आना
- योनि से दुर्गंध युक्त काला डिस्चार्ज आना
- योनि में जलन खुजली आदि होना
- ब्लीडिंग रुक जाने के बाद फिर से हेवी ब्लीडिंग शुरु हो जाना, आदि।
रिकवरी
इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद महिला को अपने शरीर का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। स्वास्थ खाना एवं विटामिन मिनरल्स के सिरप लेना लाभकारी होगा। खून बढ़ने वाली दवाइयां भी ले सकते हैं।
गर्भपात के बाद की जांच?
गर्भपात के कुछ दिन बाद महिला को एक सोनोग्राफी और एक खून की जांच अवश्य करनी चाहिए जिससे बच्चादानी की हालत और शरीर में खून की मात्रा का पता लगाया जा सके।
गर्भपात के बाद पीरियड्स?
सामान्यतः गर्भपात में हुई ब्लीडिंग रुकने के 30 से 40 दिन बाद अगले पीरियड्स आ जाते हैं। शरीर को इस गर्भपात से उभरने में समय लगता है परंतु इसका आने वाली प्रेगनेंसी पे कोई खास असर नहीं होता ।
आशा करते हैं जानकारी आपकी मदद करेगी। यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए दी जा रही है। कृपया किसी रजिस्टर्ड स्वास्थ कर्मी के संरक्षण में ही ऐसी बड़ी प्रक्रिया को अंजाम दें।
धन्यवाद।
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